मुस्कान
मुस्कान आँखें हुई है नम तेरी , या दिल पसीजकर बैठा चिंता के बादल घेरे है तुझे , या परेशान पड़ा तु बेटा हताश होकर नहीं मिलेगी तुझे ज़रा भी शान आने दे अपने चेहरे पे एक चौड़ी सी मुस्कान गम्भीर से गम्भीर दुख को , कब तक तु मनाएगा जितना रोना है रोले , पर क्या अश्रु से तु सवर जाएगा , इन अश्रु - मोतियों को झट पट ना गवा ए इंसान और आने दे अपने चेहरे पे एक चौड़ी सी मुस्कान । किसी ने शब्दों की बंदूक़ चलायी किसी ने दी विशैली जुदाई मित्र निकला दो मुआ सांप या प्रिय सिधारी वैकुण्ठ अपनेआप। सारे बीते ग़मों पे , धुल उड़ाता चल , दिखादे ख़ुद ज़िन्दगी को तुझमें कितना है मनोबल , इस फ़ूल की बगिया में करले , कुछ कांटों से पहचान और आने दे अपने चेहरे पे एक चौड़ी सी मुस्कान । पास होकर भी हम सब में अब कितनी है दूरी क्यूँ ग़म को हज़म करने के लिए madira है ज़रूरी विष का इलाज विष से , कभी हुआ है श्रीमान ? बि...